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Teej Puja

🌺 तीज पूजा – प्रेम, भक्ति और व्रत का पावन पर्व

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ऐसा माना जाता है की इस दिन माँ पार्वती तथा महादेव का मिलान हुआ था- तभी से ऐसी मान्यता है इस व्रत को रखने से माता पार्वती प्रसन्न होकर पतियों को दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्रदान करती है! कहते है यह त्यौहार वैसे तो तीन दिनों में मनाया जाता है लेकिन समय की कमी होने की वजह से अब इसे लोग एक ही दिन में मनाते है इसमें पतिव्रता पत्नियां अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं! हरितालिका तीज के दिन भगवान् शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है! इस दिन सभी सुहागिनें अपनी पति की लम्बी आयु के लिए निराहार व्रत रखती है ! हिन्दू धर्म में सभी व्रतों की तुलना में यह व्रत सबसे कठिन माना गया है, इस व्रत को करना बहुत ही फलदायी होता है, कहते है की इस दिन कुछ भी नहीं खाना चाहिए हालांकि गर्भवती और बीमार महिलाओं को इसकी छूट होती है मान्यता है की इस व्रत में सोना नहीं चाहिए इस दिन रात्रि जागरण करके सुबह ककड़ी व हलवे का प्रसाद लगाकर उसे ही स्वम को भी लेना चाहिए तथा उसी से अपना व्रत खोलना चाहिए कहते है - तीज के दिन भगवान् को खीर का भोग लगाकर उसे अपने पति को खिलाना चाहिए तथा दुसरे दिन खुद भी खाएं इससे दाम्पत्य जीवन खुशहाल बना रहता है !

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🌿 हरियाली तीज – सौभाग्य और सजीवता का प्रतीक


हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास की हरियाली के साथ जुड़ा होता है, जिसमें महिलाएं हरे वस्त्र पहनकर, मेंहदी लगाकर और झूला झूलते हुए उत्सव मनाती हैं। यह दिन नारी सौंदर्य, सौभाग्य और समर्पण का जीवंत प्रतीक है।

तीज व्रत केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, यह स्त्री की शक्ति, प्रेम और त्याग का प्रतीक है। निर्जला उपवास, भक्ति गीतों का गायन और मां पार्वती की पूजा इस दिन को आध्यात्मिक बना देती है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कई जन्मों तक कठोर तप किया था। उनका यह संकल्प और भक्ति तीज पूजा का मूल आधार है।

तीज पूजा को सुहागिनों का महापर्व कहा जाता है। महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र की कामना करती हैं और श्रृंगार करके पारंपरिक गीतों और नृत्यों के माध्यम से उत्सव मनाती हैं।

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