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Vivah Pooja

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💍 विवाह पूजा का महत्व

विवाह जीवन का एक पवित्र संस्कार है, जिसमें दो आत्माओं का मिलन होता है। हिन्दू धर्म में विवाह केवल एक सामाजिक बंधन नहीं बल्कि सात जन्मों का पवित्र व्रत माना गया है। विवाह पूजा न केवल वर-वधु के जीवन को मंगलमय बनाती है, बल्कि परिवारों के बीच सामंजस्य और समृद्धि भी लाती है।

॥ भारत मे शादी दो शरीरों,आत्माओं, परिवारों और संस्कारों का मिलन है। यह जीवन भर सुख-दुःख मे प्रेम, विश्वास और समर्पण के साथ,साथ निभाने के संकल्प से बना एक पवित्र बंधन है। शादी हमारे जीवन का एक अभिन्य पाट है कहते है इसके बिना तो जीवन ही अधूरा माना जाता है यह जीवन की एक अति महत्वपूर्ण घटना है जो जीवन मे व्यापक परिवर्तन लाती है। शादी की सफलता से एक आदर्श परिवार और समाज की परिकल्पना साकार हो सकती है। ऑनलाइन पंडित इन लखनऊ के माध्यम से शादी-विवाह जैसे पवित्र कार्य कराये जाते हैै ॥

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🪔 विवाह पूजा की विधि


विवाह पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की आराधना से होती है ताकि कोई विघ्न न आए। इसके बाद कलश स्थापना और पवित्र अग्नि का प्रज्ज्वलन किया जाता है, जो साक्षी रूप में पूजा में उपस्थित होती है। वर-वधु का शुद्धिकरण अभिषेक द्वारा किया जाता है और फिर दोनों एक-दूसरे को वरमाला पहनाते हैं। इसके बाद सप्तपदी विधि के अंतर्गत सात फेरे लिए जाते हैं, जिसमें हर फेरे के साथ विशेष मंत्रोच्चारण होता है। विवाह के दौरान पंडित जी द्वारा मंगलाष्टक और विवाह संकल्प मंत्र पढ़े जाते हैं। फिर वर वधु को सिंदूरदान और मंगलसूत्र धारण कराया जाता है, जो विवाह का प्रमुख प्रतीक होता है। अंत में, सभी बड़ों और ब्राह्मणों से आशीर्वाद लेकर विवाह संस्कार पूर्ण होता है। यह विधि न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी दोनों को एक सूत्र में बांधती है।

  • गणेश पूजन – सभी बाधाओं के निवारण हेतु।
  • कलश स्थापना – शुभता और ऊर्जा के लिए।
  • वर-वधु अभिषेक व स्नान – शुद्धिकरण हेतु।
  • मंगलाष्टक पाठ – विवाह संस्कार के समय पढ़ा जाने वाला मुख्य स्तोत्र।
  • सप्तपदी – सात फेरे और सात वचन।
  • सिंदूरदान और मंगलसूत्र – वैवाहिक बंधन की पूर्णता।
  • आशीर्वाद – सभी बड़ों व ब्राह्मणों से।
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📿 मंत्र उच्चारण का महत्व

"ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्ताक्ष्र्यो अरिष्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु।"

अर्थात हम सभी के लिए मंगल हो, इंद्र, पूषा, गरुड़ और बृहस्पति हमारे जीवन को शुभ बनाएँ।

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