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महामृत्युंजय जाप

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📿 महामृत्युंजय जाप

भगवान् शिव को ही मृत्युंजय कहा गया है! महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भगवान् शिव की कृपा प्राप्त होती है महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु से भय ख़त्म होता है! माना जाता है की इस मंत्र का जाप करने से बड़े-से-बड़ा रोग भी ख़त्म हो जाता है, स्नान करते वक्त हम यह मंत्र का जाप करें तो हमें आरोग्यता प्राप्त होती है! इस मंत्र के जाप से धन-दौलत की कमी कभी नहीं होती, तथा इससे कुंडली के कई दोष भी दूर होते है!

॥ शिवपुराण के अनुसार, इस मंत्र के जप करने से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा कई दोषों का नाश होता है।

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🔱महामृत्युंजय का जाप कब और कैसे करें


महामृत्युंजय मंत्र का जाप सुबह और शाम दोनों ही समय किया जा सकता है, अगर कोई संकट की स्थति है तो इस मंत्र का जाप कभी भी किया जा सकता है इस मंत्र का जाप अगर शिवलिंग के सामने बैठ के रुद्राक्ष की माला से किया जाये तो और लाभप्रद है! सबसे पहले भगवान शिव को स्नान करके बेलपत्र चढ़ाये और उसके पश्चात ही महामृत्युंजय जाप करें!

  • यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों, बुरी ऊर्जा और अकाल मृत्यु के भय से रक्षा करता है।
  • रोग, शोक, भय, और मानसिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
  • दीर्घायु, स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्रदान करता है।
  • साधना और ध्यान के समय इस मंत्र का जाप जीवन में संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति लाता है।
  • यह मंत्र मृत्यु जैसे संकटों को भी टालने में सहायक माना गया है।

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📿 मंत्र उच्चारण का महत्व

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

अर्थात हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।

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