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कृष्ण जन्माष्टमी पूजा

🌼 "जन्माष्टमी पूजन: प्रेम, भक्ति और लीलाओं से सजी रात्रि"

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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार माना जाता है। यही कारण है कि यह पर्व विशेष महत्व रखता है। ऑनलाइन पंडित इन लखनऊ के माध्यम से कृष्ण जन्माष्टमी को विशेष पूजा कराई जाती है, भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए इस दिन लोग उपवास रखने के साथ विधि-विधान से पूजा और भजन करते हैं। मंदिरों में विशेष सजावट करके भगवान की प्रक्टोत्सव को विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। कुछ स्थानों में दही-हांडी का भी उत्सव रखा जाता है। मध्यरात्रि के समय भगवान के जन्मोत्सव के समय सभी लोग मंदिरों में एकत्रित होकर विशेष पूजा करते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य का पर्व है, जो भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को रात्रि के आठवें प्रहर में मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, मंदिरों में झांकियाँ सजती हैं, और रात 12 बजे भगवान का पावन जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पूजन में श्रीकृष्ण की बाल स्वरूप में पूजा की जाती है – उन्हें झूले में विराजित कर पंचामृत से अभिषेक किया जाता है, तुलसी दल, माखन-मिश्री और पीले वस्त्रों से उनका श्रृंगार होता है। भक्ति भाव से किया गया यह पूजन न केवल सुख-समृद्धि देता है, बल्कि जीवन में प्रेम, करुणा और धर्म की ऊर्जा भरता है।


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🌟 "कन्हैया का जन्म, हर हृदय में प्रेम का संचार"


ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
यह 12 अक्षरों का वैष्णव महामंत्र है। इसका नियमित जाप मन की शुद्धि और भक्ति की गहराई बढ़ाता है।
ॐ श्रीं क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नमः॥
यह मंत्र श्रीकृष्ण के सौंदर्य, करुणा और आनंद की शक्ति को जाग्रत करता है।

श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक चेतना है जो हर युग में प्रेम, करुणा और धर्म का संदेश देती है। जब-जब अधर्म बढ़ा, श्रीकृष्ण ने लीला रूप में अवतार लेकर संसार को सत्य और प्रेम का मार्ग दिखाया। जन्माष्टमी का पर्व हमें यह याद दिलाता है कि अंधकार चाहे जितना भी गहरा हो, जब ‘कन्हैया’ जन्म लेते हैं, तो हर दिल रोशनी से भर उठता है। उनका मधुर मुस्कान, मुरली की तान, और बाल स्वरूप में झूलते हुए दर्शन हर भक्त के मन को शांति और आनंद से भर देते हैं। कन्हैया का जन्म आत्मा की उस चेतना का प्रतीक है जहाँ अहंकार समाप्त होता है और सच्ची भक्ति का उदय होता है।

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