Shadi-Vivah
भारत मे शादी दो शरीरों,आत्माओं, परिवारों और संस्कारों का मिलन है। यह जीवन भर सुख-दुःख मे प्रेम, विश्वास और समर्पण के साथ,साथ निभाने के संकल्प से बना एक पवित्र बंधन है।
Satyanarayan Katha
सत्यनारायण कथा कराने व सुनने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है ! तथा घर में पूर्वजो को भी शान्ति मिलती है तथा वे आशीर्वाद देते है, इस कथा से संतान, यश, कीर्ति, वैभव,संपत्ति तथा सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है !
Mahamritunjay Jaap
भगवान् शिव को ही मृत्युंजय कहा गया है! महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भगवान् शिव की कृपा प्राप्त होती है महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु से भय ख़त्म होता है!
Navratri
हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि शब्द एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें'। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति/देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
Vastu Shanti
वास्तु शास्त्र की पूजा नए घर में कराई जाती है, दिशाओं का वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व है। घर में मौजूद नेगेटिविटी अशांति रोग को दूर करने के लिए वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ सबसे पहले दिशाओं को बदलने की सलाह देते हैं। दिशाओं को बदलने के लिए ऑनलाइन पंडित इन लखनऊ के माध्यम से वास्तु शान्ति के विशेष रूप से पूजा करवाई जाती है
Griha Pravesh
बेस्ट पंडित इन लखनऊ में गृह प्रवेश की पूजा में हम अपने इष्ट देव को पूजते हैं, जिससे घर में देवी देवताओं का वास होता है ॥
Badha Mukti Puja
कई बार ऐसा होता है की हमारा अच्छा काम चलते -चलते, वह चलना बंद हो जाता है कई बाधाएँ आती है या यदि आप किसी भी प्रकार से परेशान हैं तथा ज्योतिष व डॉक्टरों से आपको फायदा नहीं मिल रहा है तो आप पंडित जी फॉर पूजा इन लखनऊ की सहायता से यह बाधा दूर कर सकते है
Diwali
बेस्ट पंडित इन लखनऊ के माध्यम से दीपावली की पूजा बड़े ही हर्षो-उल्लास के साथ कराई जाती है कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है।
Rudrabhishek
बेस्ट पंडित इन लखनऊ के द्वारा यह पाठ बड़े ही विधि-विधान से कराया जाता है! रुद्राभिषेक मंत्रों द्वारा किया जाता है और वास्तव में रुद्राभिषेक मंत्र कोई एक मंत्र नहीं बल्कि मंत्रों का समूह है, जो 'शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी' के रूप में भी जाना जाता है।
Krishna Janmashtami
ऑनलाइन पंडित इन लखनऊ के माध्यम से कृष्ण जन्माष्टमी को विशेष पूजा कराई जाती है, भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए इस दिन लोग उपवास रखने के साथ विधि-विधान से पूजा और भजन करते हैं।
Ganesh Puja
माना जाता है की गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि तथा विवेक की प्राप्ति होती है! तथा प्रतिदिन गणेश भगवान् का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, और हर काम में सफलता की प्राप्ति होती है, इसीलिए ही जब भी हम कोई नया कार्य प्रारम्भ करते है तो सबसे पहले गणेश भगवान् का पूजन किया जाता है
Mahalaxmi Puja
धन और सृमद्धि के लिए तथा माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत किया जाता है, इसी दिन दूर्वा अष्टमी का व्रत भी रखा जाता हो तथा इसी दिन दूर्वा घास की पूजा की जाती है. भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा जयंती या राधा अष्टमी के रूप में भी मनाया जाता है !
Kaalsarpdosh
॥ कालसर्प दोष व्यक्ति के कुंडली में होता है! ज्योतिषी के अनुसार- व्यक्ति के कुंडली में राहु और केतु की िस्थति आमने-सामने की होती है, तथा जब दोनों ग्रह १८० डिग्री पर रहते है और बाकी के सात ग्रह राहु केतु के एक तरफ हो जाये और दूसरी और कोई ग्रह न रहे, तब ऐसी परिस्थति में कुंडली में कालसर्प दोष का योग होता है ! तथा इसे ही कापसर्प दोष कहा गया है !
Anushthaan
किसी भी कामना की पुर्ति हेतु किया गया आध्यात्मिक कर्म ही अनुष्ठान कहलाता है इसमें विपरीत मार्ग से किया गया अनुष्ठान सकाम सात्विक अनुष्ठान होता है तथा विपरीत (तंत्र मार्ग ) से कामनात्मक किया गया अनुष्ठान तामस अनुष्ठान कहलाता है | पंडित जी ऑनलाइन के माध्यम से आप विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान करा सकते है मनुष्यों को विविध कामनाओं से विविध अनुष्ठानो को करना चाहिए कुछ विशेष कामनाओं की पूर्ति हेतु निम्न अनुष्ठान बतलाये गए हैं
Mool-Shanti
॥वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब किसी शिशु का जन्म गण्डमूल नक्षत्र में हो तो इसको गंडमूल दोष कहा जाता है। इसके कारण बालक और उसके माता-पिता एवं भाई-बहिनों के जीवन पर कष्टकारी प्रभाव पड़ता है कहा जाता है की इस दिन जन्मे बच्चे का मुख पिता बिना पूजा कराये नहीं देख सकते वह पूजा के उपरांत ही बच्चे का मुख देखते है! इसलिए इस नक्षत्र में पैदा हुए शिशु और उसके परिजनों की भलाई के लिए मूल शांति की पूजा कराना अतिआवश्यक होता है। बेस्ट पंडित इन लखनऊ के द्वारा मूल शान्ति की पूजा तथा उपाए कराये जाते है ॥
Mangaldosh
॥कहा जाता है कुंडली में मंगल दोष होने के कारण विवाह में अधिक देरी होती है मंगलवार के दिन हनुमान जी के साथ मंगल ग्रह की पूजा भी की जाती है. मंगल ग्रह के मांगलिक प्रभाव से बचने के लिए मंगलवार के दिन पंडित जी लखनऊ के माध्यम से यह मंगल दोष निवारण किया जाता है, जिसमे कुम्भ विवाह कराया जाता है कुम्भ का अर्थ है घड़ा, घड़े में विष्णु भगवान् का आवाहन करके उस जातक की शादी पहले भगवान् से कराई जाती है जिससे जब वह किसी इन्शान से शादी करती है तो उसके सारे दोष समाप्त हो जाते है, अतः विधि-विधान से पूजा कराकर मंगल दोष निवारण किया जाता है ।
Holi
होली भारत का एक बड़ा पर्व है , यह होलिका या होलाका नाम से जाना जाता है होली में सबसे प्रसिद्ध कहानी है प्रह्लाद की। कहा जाता है कि प्राचीन काल में हिरणकश्यप नाम का एक अत्यंत शक्तिशाली असुर रहता था। अपने बल के अहंकार में वह खुद को भगवान् मानने लगा था।जब इससे उसे कुछ हाशिल नई हुआ तो उसने अपनी बहन को आदेश दिया की वह प्रह्लाद को लेकर आग में बैठे, चूँकि होलिका को यह वरदान था की वह आग में नहीं जल सकती, परन्तु आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया। उसी दिन से ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में होली जलाई जाती है। प्रतीक रूप से यह भी माना जाता है कि प्रह्लाद का अर्थ आनन्द होता है। वैर और उत्पीड़न की प्रतीक होलिका (जलाने की लकड़ी) जलती है और प्रेम तथा उल्लास का प्रतीक प्रह्लाद (आनंद) अक्षुण्ण रहता है।
Chhath-Puja
छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा की जाती है! पौराणिक मान्यता के अनुसार षष्ठी माता संतानो की रक्षा करती है तथा अपनी कृपा उनपे बनायीं रखती है, इस अवसर पर सूर्यदेव की पत्नी उषा और प्रत्युषा को भी अर्घ्य देकर व पूजा की जाती है! कहा जाता है की मुग्दल ऋषि ने माँ सीता के ऊपर गंगा को छिड़क कर पवित्र किया तथा कार्तिक मॉस के शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को सूर्यदेव की उपासना करने का आदेश दिया ! यही रहकर माता सीता ने छह दिनों तक सूर्यदेव भगवान् की पूजा की थी ! और इसी दीन से यह मान्यता है की सूर्योपासना का महान पर्व छठ का आरम्भ हुआ ॥
Teej-Puja
ऐसा माना जाता है की इस दिन माँ पार्वती तथा महादेव का मिलान हुआ था- तभी से ऐसी मान्यता है इस व्रत को रखने से माता पार्वती प्रसन्न होकर पतियों को दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्रदान करती है! कहते है यह त्यौहार वैसे तो तीन दिनों में मनाया जाता है लेकिन समय की कमी होने की वजह से अब इसे लोग एक ही दिन में मनाते है इसमें पतिव्रता पत्नियां अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं
Navagreh-Shanti
शनिदेव, सूर्य, गुरु, मंगल, चंद्रमा, बुध, शुक्र और राहु-केतु को नवग्रह कहा जाता है. नवग्रह पूजन का विशेष रूप से महत्व पुराणों में वर्णित है| नवग्रह-पूजन के लिए सबसे पहले ग्रहों का आह्वान करके उनकी स्थापना की जाती है| मूर्ति के स्वरूप: के लिए नवग्रह शांति का होना सबसे आवश्यक है उस ग्रह की प्रतिमा का होना। भविष्यपुराण के अनुसार ग्रहों के स्वरूप के अनुसार प्रतिमा बनवाकर उनकी पूजा करनी चाहिए। घर में सुख-शान्ति के लिए भी आप पंडित जी लखनऊ के माध्यम से नवग्रह शांति की पूजा करा सकते है !
Durga-Puja
बेस्ट पंडित इन लखनऊ के द्वारा यह पाठ बड़े ही विधि-विधान से कराया जाता है! रुद्राभिषेक मंत्रों द्वारा किया जाता है और वास्तव में रुद्राभिषेक मंत्र कोई एक मंत्र नहीं बल्कि मंत्रों का समूह है, जो 'शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी' के रूप में भी जाना जाता है।