॥ वास्तु शास्त्र की पूजा नए घर में कराई जाती है, दिशाओं का वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व है। घर में मौजूद नेगेटिविटी अशांति रोग को दूर करने के लिए वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ सबसे पहले दिशाओं को बदलने की सलाह देते हैं। दिशाओं को बदलने के लिए ऑनलाइन पंडित इन लखनऊ के माध्यम से वास्तु शान्ति के विशेष रूप से पूजा करवाई जाती है वास्तु शास्त्र में सृष्टि के पांच मुख्य तत्वों का बहुत महत्व माना गया है। आकाश, पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु ये प्रमुख पांच तत्व हैं, वास्तु शांति में इन पांच तत्वों और सभी दिशाओं की शांति करवाई जाती है। जिससे हर तरह के वास्तु दोष के प्रभाव को दूर किया जाता है। है ॥
॥ ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ अर्थ – हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो पापों तथा अज्ञान को दूर करने वाले हैं- वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य के पथ पर ले जाए ॥
॥ ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अर्थ – कीर्तिवाले ऐश्वर्यशाली इन्द्रदेव हमारा कल्याण करें, सबके पोषणकर्ता वे सूर्यदेव हमारा कल्याण करें। जिनकी चक्रधारा के समान गति को कोई रोक नहीं सकता, वे गरुड़देव हमारा कल्याण करें। वेदवाणी के स्वामी बृहस्पति हमारा कल्याण करें ॥