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Ganesh Puja

॥ माना जाता है की गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि तथा विवेक की प्राप्ति होती है! तथा प्रतिदिन गणेश भगवान् का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, और हर काम में सफलता की प्राप्ति होती है, इसीलिए ही जब भी हम कोई नया कार्य प्रारम्भ करते है तो सबसे पहले गणेश भगवान् का पूजन किया जाता है, तथा कोई भी पूजन करने से पहले भगवन गणेश का पूजन होता है तथा उसके बाद ही अन्य पूजा की जाती है! भगवान् गणेश का पूजन करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियों व विपत्तियों से छुटकारा मिलता है, इसीलिए ही उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है गणेश चतुर्थी में इसी मंत्र को किया जाता है ....

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभ .
निर्विध्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा …

ऐसी मान्यता है की गणेश चतुर्थी भगवान् गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है! गणेश, भगवान् शिव तथा पार्वती के पुत्र है, गणेश चतुर्थी वैसे तो पूरे भारत वर्ष में मनाई जाती है परन्तु महाराष्ट्र के लोगो को गणेश चतुर्थी का बेसब्री से इंतजार रहता है गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश का धूम-धाम से पूजा व आरती की जाती है ! गणेश जी को दूर्वा चढाने की भी परम्परा है, तथा आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण होता है ! भगवान् गणेश को प्रसाद के रूप में मोदक या लड्डू चढ़ाया जाता है, क्योकि यह भगवान् गणेश का प्रिय भोजन है तथा इसके साथ-साथ भगवान गणेश को केला भी बहोत पसंद है तथा वह भी प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है !

very powerful Vedic Mantras

॥ ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ अर्थ – हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो पापों तथा अज्ञान को दूर करने वाले हैं- वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य के पथ पर ले जाए ॥

॥ ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अर्थ – कीर्तिवाले ऐश्वर्यशाली इन्द्रदेव हमारा कल्याण करें, सबके पोषणकर्ता वे सूर्यदेव हमारा कल्याण करें। जिनकी चक्रधारा के समान गति को कोई रोक नहीं सकता, वे गरुड़देव हमारा कल्याण करें। वेदवाणी के स्वामी बृहस्पति हमारा कल्याण करें ॥